जिलाध्यक्ष ने इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) को पत्र लिखते हुए आरोप लगाया कि वन विभाग द्वारा बिना किसी वैज्ञानिक सलाह और वैधानिक अनुमति के फॉसिल पार्क में निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि इन कार्यों से न केवल पार्क की ऐतिहासिकता को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी यह अत्यंत आपत्तिजनक है।
अपने पत्र में उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच के लिए एक राज्यस्तरीय समिति गठित की जाए। साथ ही, दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की गई है।
अब देखना होगा कि राज्य सरकार इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है और क्या जांच के आदेश दिए जाते हैं।