मिली जानकारी के अनुसार बीत कुछ दिनों से गांव मितानिन समूह की ओर से फाइलेरिया से बचने के लिए दवाई का वितरण किया जा रहा है। परिजनों की मानें तो मितानिनों ने घर पर आकर उनकी तीन साल की बच्ची को फाइलेरिया की दवा खिलाई थी। जबकि इस दौरान परिजन घर पर नहीं थे। बताया गया कि दवाई खाने के बाद बच्ची के सिर में दर्द शुरू हुआ, फिर धीरे धीरे शरीर में फफोले निकलने लगे। साथ ही उल्टी दस्त होने लगा।
बच्ची का हालत बिगड़ने के बाद परिजनों ने आनन फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया। लेकिन बच्ची का बिगड़ते हालात को देखते हुए उसे रायपुर रेफर कर दिया गया था, जहां इलाज के दौरान मासूम की मौत हो गई।