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घोटाले में दवा निगम के पांच अधिकारि गिरफ्तार

रायपुर। ईओडब्लू ने रीजेंट खरीदी घोटाले में दवा निगम के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें दो महाप्रबंधक और एक उप संचालक शामिल हैं।मिली जानकारी के अनुसार 660 करोड़ रुपए के गोल-माल को लेकर भारतीय लेखा एंव लेखापरीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार द्वारा एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को पत्र लिखा गया था।

लेखा परीक्षा की टीम की ओर से CGMSC की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित्त वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो कंपनी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की थी, जिसे ऑडिट टीम ने पकड़ लिया था। ऑडिट में पाया गया है कि पिछले दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया।

प्रदेश के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी। ऑडिट टीम के अनुसार DHS ने स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं में बेसलाइन सर्वेक्षण और अंतर विश्लेषण किए बिना ही उपकरणों और रीएजेंट मांग पत्र जारी किया था। जिसमें

गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में बसंत कौशिक,डॉ अनिल परसाई, शिरौंद्र रावटिया, कमलकांत पाटन कर,और दीपक बांधे शामिल हैं। मामले में रीएजेंट सप्लायर मोक्षित कार्पोरेशन के डायरेक्टर शाशांक चोपड़ा को ईओडब्लू पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

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