उक्त कृत्य बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत दंडनीय अपराध है। इस आधार पर विवाह में शामिल संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी एफआईआर दर्ज कर विधि सम्मत कठोर कानूनी कार्यवाही प्रारंभ की गई है।
महिला बाल विकास विभाग अधिकारी ने बताया है कि इस अधिनियम के तहत कोई व्यक्ति बाल-विवाह करवाता है या इसको बढ़ावा देता है और या फिर बाल विवाह करवाने में सहायता करता है ,तो उसे दो साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। उन्होंने जिलेवासियों से कहा है कि उनके आस-पास किसी नाबालिग का विवाह करवाया जा रहा है तो इसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर 1098 पर तुरंत सूचना दें। ताकि दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
जिला एवं पुलिस प्रशासन ने आमजनों से अपील की है कि बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है, जिससे बच्चों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यदि किसी को बाल विवाह की सूचना प्राप्त होती है, तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें ताकि समय पर उचित कार्रवाई की जा सके।