ग्रामीणों के अनुसार, नहर निर्माण में उपयोग किए जा रहे वॉल स्टोन को मक्खन सिंह द्वारा डुमरिया कोचर पहाड़ से निकाला जा रहा है। वहां प्रतिदिन 20 से 25 मजदूर काम कर रहे हैं। यह पत्थर खदान से नहीं, बल्कि वन क्षेत्र से अवैध रूप से निकाला जा रहा है,
वन विभाग की आंखों में धूल झोंकर ठेकेदार द्वारा वन संपदा की भी खुली लूट कि जारही है। अवैध तरीके से निकाले गए पत्थरों का उपयोग नहर के किनारे में किया जा रहा है।
नहर सफाई के लिए शासन द्वारा लाखों रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, लेकिन सफाई कार्य सिर्फ कागजों में दिखाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सफाई के नाम पर केवल ऊपरी सतह की मिट्टी हटाकर खानापूर्ति की जा रही है, जबकि नहर की गहराई और चौड़ाई बढ़ाने के लिए कोई ठोस कार्य नहीं किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस भ्रष्टाचार की जांच करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो जलाशय और नहर दोनों की गुणवत्ता प्रभावित होगी। इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भवानीपुर जलाशय योजना को भ्रष्टाचार से बचाया जा सके।
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