गुरुवार की शाम करीब 7:30 बजे, सुबोध राम भगत एक्सक्यूटिव इंजिनीयर एवं प्रयोगशाला के चीफ इंजीनियर ऑफिस अंबिकापुर से आए टीम ने परीक्षण के लिए सड़क की कोर कटाई कर सैंपल लिए। जब इस परीक्षण की गुणवत्ता और रिपोर्ट के बारे में पूछा गया, तो सुबोध राम भगत ने बताया कि रिपोर्ट आने में 4 से 5 दिन लग सकते हैं।
हालांकि, इस परीक्षण प्रक्रिया को लेकर स्थानीय लोगों में संदेह की भावना है। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार सड़क परीक्षण की यह प्रक्रिया अंधेरे में ही क्यों की गई? आमतौर पर इस तरह के कार्य दिन के उजाले में किए जाते हैं ताकि हर कोई इसे देख सके और पारदर्शिता बनी रहे।
लोगों को संदेह हो रहा है कि कहीं यह जांच सिर्फ औपचारिकता निभाने और किसी मिलीभगत का हिस्सा तो नहीं? कई लोग इसे अधिकारियों और ठेकेदारों की सांठगांठ से जोड़कर देख रहे हैं। यह भी आशंका जताई जा रही है कि कहीं परीक्षण के दौरान ली गई सामग्री के साथ छेड़छाड़ तो नहीं हो रही, ताकि रिपोर्ट मनमाफिक बनाई जा सके?
रामानुजगंज रिंग रोड का निर्माण हाल ही में पूरा हुआ था, लेकिन इसकी गुणवत्ता को लेकर पहले से ही सवाल उठ रहे थे।कहीं इसमें घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल तो नहीं किया गया?
अब देखना यह होगा कि जांच रिपोर्ट क्या कहती है और प्रशासन इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाता है। लेकिन फिलहाल, रामानुजगंज रिंग रोड की गुणवत्ता और परीक्षण की प्रक्रिया को लेकर आम जनता में संशय बना हुआ है।