रामानुजगंज नगर निकाय चुनाव के साथ ही राजनीतिक माहौल में हलचल तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों में गुटबाजी और नाराजगी की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे निर्दलीय प्रत्याशी के उभरने की संभावना प्रबल हो रही है। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी के बीच खींचतान के बीच नगरवासी आशंकित हैं कि कहीं निर्दलीय उम्मीदवार राहुल जीत सिंह बाजी न मार लें।
भा.ज.पा. के प्रत्याशी रमन अग्रवाल के चुनावी मैदान में उतरने के बाद से ही भाजपा में गुटबाजी की स्थिति बनी हुई है। कुछ नेता रमन अग्रवाल को अपना समर्थन दे रहे हैं, वहीं कुछ अन्य नेताओं का कहना है कि उन्हें मौका नहीं दिया गया और वे असंतुष्ट हैं। पार्टी के भीतर की यह गुटबाजी चुनावी रणनीति पर असर डाल सकती है, क्योंकि एकजुट पार्टी की जगह कई गुटों का होना चुनावी परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है।
वहीं कांग्रेस में भी स्थिति ठीक नहीं है। कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रत्याशी के रूप में मधु गुप्ता को नामित किया गया है, लेकिन उनके चयन को लेकर पार्टी में अंदर ही अंदर नाराजगी फैल रही है। कुछ कार्यकर्ता और नेता इसे अनुचित मानते हैं और उनका कहना है कि उनकी स्थिति को नजरअंदाज कर दिया गया है। इस नाराजगी का असर पार्टी के चुनावी अभियान पर पड़ सकता है और यदि यह असंतोष बढ़ता है तो कांग्रेस के लिए जीत मुश्किल हो सकती है।
राजनीतिक दलों के बीच गुटबाजी और नाराजगी के चलते अब नगरवासी यह सोचने लगे हैं कि क्या किसी निर्दलीय प्रत्याशी को इस चुनाव में जीतने का मौका मिलेगा।
निर्दलीय उम्मीदवार राहुल जीत सिंह का नाम तेजी से चर्चा में आ रहा है। उन्होंने चुनाव प्रचार में सक्रियता दिखाते हुए लोगों से सीधा संपर्क किया है और अपनी जनहित की योजनाओं को सामने रखा है। उनका सरल और निष्पक्ष छवि नगरवासियों को आकर्षित कर रही है।
निर्दलीय प्रत्याशी राहुल जीत सिंह का कहना है कि वे न किसी पार्टी के दबाव में हैं, न ही गुटबाजी का हिस्सा। उनका उद्देश्य केवल नगरवासियों की सेवा करना है। उनका यह दृष्टिकोण उन लोगों के लिए आकर्षक बन गया है जो पार्टी राजनीति से ऊब चुके हैं और बदलाव की चाहत रखते हैं।अंततः, रामानुजगंज नगर निकाय चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही उम्मीदवारों के बीच गुटबाजी और नाराजगी का माहौल बना हुआ है। इसके चलते निर्दलीय उम्मीदवार राहुल जीत सिंह की स्थिति मजबूत होती जा रही है। यदि यह स्थिति बनी रही, तो निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मुकाबला जीतने में सफल हो सकते हैं। चुनाव परिणाम तो केवल समय ही बताएगा, लेकिन अब यह साफ है कि रामानुजगंज नगर निकाय चुनाव में एक नया मोड़आ सकता है।