
राजनीतिक दृष्टिकोण से यह घटना बड़ी अहमियत रखती है। ऐसे समय में जब क्षेत्रीय राजनीति में गुटबाजी और आपसी मतभेद आम बात हो, रमन अग्रवाल की अगुवाई में यह जुलूस एकता और सामूहिक शक्ति का प्रतीक बन गया। सभी भाजपा यों को इस जुलूस में शामिल होना यह संकेत देता है कि वे भी रमन अग्रवाल की नीतियों और उनकी नेतृत्व क्षमता से प्रभावित हैं। इसके अलावा, यह रमन अग्रवाल के पक्ष में एक सशक्त संदेश भी देता है कि उनहों ने स्थानीय मुद्दों को समझते हुए जनहित के लिए कइ ठोस कदम उठाए हैं।
इस जुलूस में असंतुष्ट नेता रमन अग्रवाल के समर्थन में खुलकर सामने आए, जिन्होंने अपनी पार्टी की गुटबाजी और अंतर्कलह को छोड़ दिया। यह संकेत है कि रामानुजगंज में भाजपा की स्थिति अब सिर्फ एक पार्टी के तौर पर नहीं, बल्कि एक व्यापक जन समर्थन के रूप में मजबूत हो रही है।
इस जुलूस ने स्थानीय राजनीति में नए समीकरण स्थापित किए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस समर्थन का कितना असर चुनावी परिणामों पर पड़ेगा। रमन अग्रवाल के समर्थकों और स्थानीय जनता के बीच बढ़ती नजदीकी भाजपा प्रत्याशी रमन अग्रवाल के लिए नगरीय निकाय चुनावों में एक सकारात्मक संकेत है। इस जुलूस के बाद, उनकी जीत की संभावना और भी अधिक मजबूत नजर आ रही है।
इसके अलावा, यह भी माना जा रहा है कि भाजपा की बढ़ती ताकत और विरोधी लोगो का उनके समर्थन में आना आगामी दिनों में कई और राजनीतिक घटनाओं को जन्म दे सकता है। रामानुजगंज नगर निकाय चुनाव में अब तक की स्थिति भाजपा के पक्ष में नजर आ रही है, लेकिन अंतिम परिणामों का निर्धारण आगामी जनसंपर्क और रणनीतियों पर निर्भर
करेगा।